1 जुलाई से 3 नए आपराधिक कानून लागू किये जाने के खिलाफ प्रतिवाद मार्च

जहानाबाद, 01 जुलाई।

 मोदी सरकार द्वारा 3 नए आपराधिक कानून लागू किए जाने के खिलाफ भाकपा माले द्वारा जिला मुख्यालय सहित प्रत्येक प्रखंडों में प्रतिवाद मार्च निकालकर विरोध किया गया। नेताओं ने कहा कि इस तीन नए आपराधिक कानून का नागरिक स्वतंत्रता ,मानवाधिकारों और न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ेगा। यह कानून नागरिक अधिकारों पर आघात है।

नए कानून में ऐसे कठोर प्रावधान है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा का अधिकार, विरोध प्रदर्शन का अधिकार और उन मौलिक अधिकारों को समाप्त कर सकते हैं। इस कानून में पुलिस को बिना पर्याप्त कारण के गिरफ्तारी और पूछताछ का व्यापक शक्तियां दी गई हैं, जिससे दुरुपयोग की संभावना होगी।

नेताओं ने आगे कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए प्रभावी उपाय नहीं किए गए हैं साथ ही धार्मिक आधारों पर होने वाली हिंसा को विशेष श्रेणी में नहीं रखा गया है।

इसके साथ ही नेताओं ने कहा कि हथकड़ी और एकांत कारावास जैसे कठोर दंडों को वैधता प्रदान की गई है जो मानवाधिकार का उल्लंघन है। इसके अलावा नेताओं ने कहा कि पहले से ही लंबित मामलों में जूझ रही न्यायिक व्यवस्था पर इस नये कानून के कारण अधिक बोझ बढ़ेगी।

गौरतलब है कि यह कानून संसद में तब पास किया गया जब विपक्ष के करीब 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।

नेताओं ने इसके कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने के साथ इन कानूनों की व्यापक और निष्पक्ष समीक्षा एवं जनता ,विधि विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठनों से विस्तृत परामर्श के बाद ही लागू करने की मांग किया।