सुरों की रानी श्रेया घोषाल की पहली गुरु माँ

चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
श्रेया घोषाल अपनी मीठी आवाज के चलते बॉलीवुड में सुरों की रानी है। श्रेया का जन्म पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर विश्वजीत घोषाल के घर 12 मार्च 1984 को हुआ। माँ शर्मिष्ठा चर्चित गायिका हैं जिन्हें श्रेया पहली गुरु और प्रेरणा स्रोत मानती हैं। इनके अतिरिक्त लता मंगेशकर, आशा भोसले, गीता दत्त, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश चंद माथुर, जगजीत सिंह और चित्रा सिंह को अपना आदर्श मानती हैं।
श्रेया ने बचपन से ही माँ को गाते और हारमोनियम बजाते देखा। इसलिये अपनी पहली गुरु माँ से चार साल की उम्र से प्रशिक्षण प्रारंभ की और 1995 में दिल्ली में संगम कला ग्रुप द्वारा आयोजित इंडिया लाइट वोकल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद इनकी लाइफ में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब इन्हें बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अवसर दिया।
इन्होंने ‘देवदास’ की मुख्य किरदार पारो के रूप में ऐश्वर्या राय को आवाज देते हुए सोलह साल की उम्र में  पहला गाना ‘बैरी पिया…’ उदित नारायण के साथ रिकॉर्ड किया। इसी पहली गाने से 2002 में नेशनल अवार्ड से विभूषित होने के साथ 2004 , 2008 और 2009 नेशनल अवार्ड से विभूषित हुई। इन्होंने हिंदी, बांग्ला, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, भोजपुरी, मराठी, उर्दू, पंजाबी और मलयालम भाषा में भी गाने गाए हैं।
श्रेया घोषाल के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 769वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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