नजीम अहमद
पत्रकार।
पटना/नयी दिल्ली,16 अगस्त 2022 (एजेंसी)। बिहार में महागठबंधन की नीतीश सरकार में काग्रेस को शामिल होने की जगह जनता से जुड़े मसले को उठाना चाहिये, नहीं तो पार्टी टूटने की पूरी संभावना है। यह बात कई जाने माने प्रबुद्ध जनों ने आज कही। इस मसले को लेकर बिहार कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं के बीच आक्रोश भी देखने को मिला ।
जाने माने समाजवादी एवं चिंतक डॉ.महेंद्र सिंह ने कहा है,कि बिहार कांग्रेस को वाम दलों की तरह नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देना चाहिए,अन्यथा पार्टी में बगावत ही नहीं टूट भी हो सकती है।
डॉ.सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार में दो नहीं चार मंत्री पद भी मिल जाय तो बाकी लोगों का क्या होगा? उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर सरकार में शामिल होगी तो पहले की तरह टूट तय है। आखिर दो-दो प्रदेश अध्यक्ष कुनबे के साथ पाला बदल चुके हैं।
कांग्रेस की राजनीति को राजीव गांधी के ज़माने से देखने वाले जाने माने वरिष्ठ पत्रकार डॉ.समरेन्द्र पाठक ने कहा कि हाल के दिनों में पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने जिस तरह से आंदोलन के जरिये आवाज उठाई है,उससे नीचे के स्तर के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है,लेकिन अगर वह सरकार में शामिल होती है तो समस्या गंभीर होगी। पार्टी विधायकों को एकजुट रखना मुश्किल होगा।
समाचार एजेंसी आरएनआई के संपादक सुबीर सेन ने कहा कि कांग्रेस राजद के समय से सरकार में शामिल होने के कारण बिहार में जनाधार खोती चली गयी और आज हाशिये पर है। वहां तो सभी मंत्री पद के ही दावेदार हैं। राजनीति के कई अन्य जानकारों ने भी ऐसी ही संभावना जताई है।एल.एस।