चिन्मय दत्ता, झारखंड।
वनों एवं पर्यावरण के प्रति लोगों में प्रेम और जागरूकता बढ़ाने के लिये झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जो लोग अपने कैंपस में वृक्ष लगाएंगे उन्हें प्रति वृक्ष 5 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। शहरी क्षेत्रों में लोग अपने-अपने घर आंगन पर पेड़ लगाकर यह लाभ ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने 73वां वन महोत्सव के आयोजन पर उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन 73 वर्षों में वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जितना कार्य हुआ है वह संतोषप्रद नही दिख रहा है। जितनी हरियाली दिखनी चाहिए थी वर्तमान में उतनी हरियाली नही दिख रही है जो चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्रों में भी जंगली जीव-जंतुओं का विचरण देखा जा रहा है। जंगली जीवों का निरंतर आवागमन स्पष्ट संकेत देता है कि वनों की कटाई निरंतर जारी है। वन्य प्राणियों के घरों को उजाड़ कर उन्हें बेघर किया जा रहा है तभी वे गांव और शहरों की ओर अपना विचरण कर रहे हैं। हम जंगलों को कटने से बचाकर ही वन्य प्राणियों को संरक्षित कर सकेंगे।
झारखंड विधान सभा परिसर में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित 73वां राज्यव्यापी वन महोत्सव, 2022 कार्यक्रम में मुखयमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर हम विकास की लकीर नही खींच सकते। सड़क चौड़ीकरण, कारखानों का निर्माण, शहरीकरण, जलाशय निर्माण सहित कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके विकास तथा जीर्णोधार के लिए अनगिनत पेड़ों की कटाई की जाती है।
हमें इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि विकास कार्यों के लिए जितनी पेड़ों की कटाई की जाती है उससे कई गुना पेड़ों को लगाकर ही इसकी भरपाई की जा सकेगी। हम सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें यह जिम्मेदारी उठानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव कोई एक दिन का कार्यक्रम नही बल्कि वन महोत्सव हर दिन होना चाहिए। प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर ही पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है।
वन आधारित क्षेत्रों पर आरा मशीन प्लांट के जरिए कुछ असामाजिक लोग धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। ऐसी चीजों पर अविलंब रोक लगनी चाहिए नही तो बचे हुए पेड़ भी कट जाएंगे।