बेल पत्र प्रिय

मीमांसा डेस्क।

बेल [बिल्व] के पत्ते शिवजी
को अत्यंत प्रिय हैं।

शिवपुराण में एक शिकारी
की कथा है एक बार उसे

जंगल में देर हो गई , तब
उसने एक बेल वृक्ष पर रात
बिताने का निश्चय किया।

जगे रहने के लिये उसने एक
तरकीब सोची। वह सारी रात

एक – एक पत्ता तोड़कर नीचे
फेकता जायेंगा। ठीक उसी

बेलवृक्ष के नीचे एक शिवलिंग
था। शिवलिंग पर प्रिय पत्तों
का अर्पण होते देख शिव
प्रसन्न हो उठे। जबकि

शिकारी को अपने शुभकृत्य
का आभास ही नहीं था शिव

ने उसे उसकी इच्छा पूर्ति का
आशीर्वाद दिया , यह कथा न

केवल यह बताती है कि शिव
को कितनी आसानी से प्रसन्न

किया जा सकता है बल्कि
यह भी कि इस दिन शिव
पूजन में बेल पत्र का कितना
महत्व है।