मीमांसा डेस्क।
ऐसी क्या खता हुई मुझसे ,
तुमने जो बीच रास्ते में मुझे तन्हा छोड़ा।
जब निभा नहीं सकतें थे,
तुम मुझसे वो रिश्ता ,
तो क्यों तुमने मेरे जज़्बातों को तोड़ा ।
आज यही ख्याल मेरे मन में बार – बार आ रहा है ,
क्या तुझे सच में मुझसे प्यार था?
मेरे जज़्बातों का ख्याल था ?
माफी मांगती रही बिना किसी गलती के
तुमसे हर समय ,
पर तुझे इस बात का अहसास न था।
कितनी टूटी मैं तेरे लिए ,
पर तुझे एक बार भी मेरा ख्याल न आया।
आज भी मेरे मन में बार – बार वही सवाल है ,
ऐसी क्या खता हुई मुझसे
जो तुमने मेरा दिल तोड़ा?
जिंदगी के इस सफर में मुझे तन्हा छोड़ा।