पूजा पपनेजा।
यह कहानी 2 साल की मासूम बच्ची की है जिसका नाम नन्दा हैं। वह मथुरा की रहने वाली हैं उसे लास्ट स्टेज ब्लड कैंसर है, अभी वह दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में एडमिट है और अपनी ज़िन्दगी की जंग लड़ रही है। उस बच्ची के माता – पिता भी इस दुंनिया में नहीं हैं । उसके दादा दादी ही उसका पालन पोषण कर रहे है। इस बुरी मुश्किल घड़ी में उसके दादा दादी उसका साथ दे रहे हैं। अब आपको यह भी बताते हैं कि बच्ची के दादा दादी को कैसे पता चला कि उसे ब्लड कैंसर हैं।
बच्ची को रोज बुखार आ रहा था उसे खून की उल्टी हो रही थी फिर उसके दादा – दादी ने उसका कई अस्पतालों से इलाज करवाया लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा । इस वजह से उस बच्ची की हालत ज्यादा खराब होने लगी, अंत में उसे दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जिसमे डॉक्टर्स ने बच्ची की जाँच की तो पता चला उस बच्ची को ब्लड कैंसर हैं, जिसके बाद उस बच्ची के दादा – दादी बहुत परेशान हो गए।
इस समय वह दुखद मुश्किलों का सामना करते हुए उस बच्ची का इलाज करवा रहे हैं। फिलहाल अभी बच्ची की हालत नाज़ुक बताई जा रही हैं।
अगर हम इस कहानी पर गहराई से विचार करें तो देखेंगे कि वह बच्ची बहुत छोटी सी उम्र में बहुत कुछ खो चुकी हैं, इस समय वह जिंदगी और मौत के बीच भी झूल रही है।
उसकी ज़िन्दगी में इतने दर्द हैं फिर भी वह अपनी मासूमियत से इस पीड़ा को झेल रही हैं, इसलिए इस कहानी से सीख लेते हुए हर व्यक्ति को अपनी मुश्किलों से लड़ना आना चाहिए।