महत्वपूर्ण है जलयोजन

मीमांसा डेस्क।

योगाभ्यास आपके दिमाग और शरीर को संतुलित रखने में सहायक है। इस बात का खास ख्याल रखें कि योग अभ्यास एक योग प्रशिक्षक की देख – रेख में किया जाना चाहिए। गर्मी के मौसम में लगातार गर्मी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप एक आसान और प्रभावी योग के जरिये इस गर्मी में खुद को ठंडक दे सकते है। कई बार गर्मी में ऐसा भी होता है कि आपको प्यास लगी हो और  उस वक्त वहाँ पानी उपलब्ध नहीं होता। ऐसे में शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास काफी मददगार साबित हो सकता है। यह प्राणायाम आपकी प्यास बुझाने में सहायता करता है।

  • अपने दाँतो को कसे और जीभ को दबाकर मुँह खुला रखें।
  •    सांस अंदर लें।
  •  अब अपने मुंह को बंद करें और हवा में नाक के माध्यम से बाहर साँस छोड़े।

इस आसन के लाभ

जब भी आप पानी की कमी महसूस करें तो इसे पांच से दस बार दोहराएं। यह प्राणायाम आपकी प्यास बुझाने और आपके शरीर को शांत करने में आपकी मदद करेगा।

सावधानी

याद रखिये। ऐसा बिल्कुल मत समझिये कि इस आसन से आपके शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। बल्कि आपको नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी का इस्तेमाल करना चाहिये। यह आसन पानी की उपलब्ध्ता नहीं होने पर मदद करता है। आपको पानी के प्रतिस्थापन के रूप में इस आसन का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अगर आपके समक्ष पानी की उपलब्ध्ता की कोई समस्या न भी हो , तो उस स्थिति में शरीर को शीतल एवं शांत रहने के लिए आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।

जीत के लिये शांत योग मुद्रा

योग धीरे – धीरे किया जाता है और ध्यान , मन, और शरीर को संतुलित करता है। गर्मी के मौसम में ध्यान और शवासन जैसे आसन अच्छे है। कपालभाती और अग्निसार जैसे आसन में तेज श्वास लेने की प्रक्रिया होती है , जिससे शरीर के तापमान में वृद्धि होती है। इसलिए जब बाहर बेहद गर्मी हो तो इन आसनों से बचना बेहतर होता है।
इन आसनों को करने का सबसे अच्छा समय सुबह या देर शाम है। यदि सही समय पर किया जाता है , तो वे आपके शरीर के तापमान को शांत करने में मदद करते हैं।

सावधानी

पित्त प्रभावित व्यक्तियों को किसी भी तेज गति वाले योग मुद्रा से बचना चाहिए , जिसमें तेज  श्वास  शामिल है।

तंत्रिकाओ को शांत करना

गर्मी में उच्च तापमान रहता है , इसीलिये अक्सर हम किसी भी बात पर चिढ़ जाते है या फिर गुस्सा करते हैं । ऐसी स्थिति में तंत्रिकाओं को शांत करने के लिये चन्द्रभेदी आसन करना अच्छा है। इससे तंत्रिका तंत्र और नाड़ी पर ठंडा प्रभाव पड़ता है।

  •  दाएं अंगूठे के साथ अपनी दायी नथ को बंद करें और बाएं नथुने से पहले पूरी तरह से श्वास छोड़ दें और फिर श्वास लें।
  • अब अंगूठे व उंगलियों के साथ अपने बाएं नथुने को बंद करे और हवा को छोड़े।
  •  इस आसन के बाद शवासन में लेट जाएँ । यह आपके शरीर को आराम देता है।
  •   रोजाना सूर्य नमस्कार 10 बार करें एवं इसके साथ वृक्षासन करना गर्मी के मौसम में बहुत फायदेमंद है।

नोट – अगर आपकी किसी बीमारी की चिकित्सा चल रही हो तब यह आसन आपके
डॉक्टर और एक योग विशेषज्ञ की सिफारिश के बाद ही करना चाहिये।