रोबोटिक सर्जरी निश्चित रूप से भविष्य की सर्जरी है और इसके अधिक से अधिक तरीके विकसित हो रहे हैं-डॉ. संगीता रेड्डी,जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर,अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप

                  अपोलो स्पेक्ट्रा ने किया दिल्लीएनसीआर में मल्टीरोबोट स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम का अनावरण

रोबोटिक सर्जरी निश्चित रूप से भविष्य की सर्जरी है और इसके अधिक से अधिक तरीके विकसित हो रहे हैं। आज हमने एक मल्टी-रोबोट सर्जिकल इकोसिस्टम को लॉन्च किया है जो ऑर्थोपेडिक सर्जरी के लिए उच्च दक्षता के साथ बेहतर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर सकता है। इस आधुनिक रोबोटिक सिस्टम से रोगी का टिश्यू कम डैमेज होगा, दर्द कम होगा, ब्लड लॉस कम होगा, और तेजी रिकवरी के साथ घर जल्दी जा सकेंगे और जल्दी ठीक हो जाएंगे। यह बात दिल्ली में अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर् सगीता रेड्डी ने दिल्ली में  पूसा रोड स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में पर्सनलाइज़्ड 3D सर्जिकल प्लानिंग से लैस मल्टी-रोबोट सर्जिकल इकोसिस्टम के लॉंच के मौके पर कही। कार्यक्रम में अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी  एवं  विशेष अतिथि ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा  ने नए सिस्टम का शुभारंभ किया।   

उन्होंने कहा कि हमारे पास देशभर में 25 अपोलो स्पेक्ट्रा केंद्र हैं। स्पेक्ट्रा प्रारूप में एम्बुलेटरी केयर या शॉर्ट स्टेज सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे एडवांस्ड सर्जिकल ऑपरेशन मरीजों के घर के पास, सबसे किफायती और लाभकारी तरीके से किए जा सकते हैं। इसलिए, हम जहां भी स्थित हैं, वहां के मरीजों से हमें बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

गौरतलब है कि इस अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी के साथ अपोलो स्पेक्ट्रा, पूसा रोड, इस क्षेत्र में पहला ऐसा शॉर्ट-स्टे अस्पताल बन गया है जहाँ एक ही छत के नीचे मल्टी-स्पेशलिटी रोबोटिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इससे उच्च परिशुद्धता और न्यूनतम चीर फाड़ सर्जरी अब अधिक सुलभ और किफायती रूप में मरीजों तक पहुँच पाएगी। मुख्य अतिरिक्त प्रणालियों में से एक मेरिल क्यूविस जॉइंट रोबोटिक सिस्टम है, जिसे घुटने और कूल्हे के प्रतिस्थापन के लिए सबसे उन्नत प्लेटफॉर्म्स में से एक माना जाता है। इसके साथ ही, एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोट द्वारा संचालित रोबोटिक सॉफ्ट टिशू सर्जरी  भी है, जो सामान्य सर्जरी, यूरोलॉजी और स्त्री रोग प्रक्रियाओं के लिए डिज़ाइन किया गया भारत का उन्नत मल्टी-स्पेशियलिटी प्लेटफॉर्म है। अस्पताल ने इन तकनीकों को और प्रभावी बनाने के लिए पूरी तरह से इंटीग्रेटेड 3D मॉडलिंग सर्जरी की शुरुआत भी की है, जिससे हर मरीज की सर्जरी का प्लान पहले से ज़्यादा वैज्ञानिक, सटीक और पर्सनलाइज़्ड हो सके।

लॉन्च के मौके पर बोलते हुए, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, “एक ही जगह सारी सुविधाएं मिलने से हमारे मरीज़ों को बड़े ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन हों या जटिल सॉफ्ट टिश्यू प्रक्रियाएं, दोनों में बेहतर सुरक्षा और भरोसेमंद इलाज मिलता है। पहले जो काम एक ही रोबोटिक सिस्टम से होता था, अब यह उससे कई गुना आगे का कदम है। इससे हम अपना तकनीक-आधारित, कम समय वाला सर्जरी मॉडल और अच्छे से दे पाते हैं, जिससे खासकर बिज़ी प्रोफेशनल्स और व्यस्त वरिष्ठ नागरिकों को कम कट, कम परेशानी और तेज़ रिकवरी का फायदा मिलता है।”

उन्होने आगे कहा कि अपोलो सबके लिये सुगम, आसान और दर्द को करने वाली चिकित्सा प्रणाली की पेशकश करता है। इसी क्रम में सबके लिये किफायती एवं उपलब्धता के साथ हमारे सक्षम डॉक्टरों, समर्पित टीम और बेहतर कार्यप्रणाली के कारण 140 देशों के रोगियों की देखभाल कर रहे हैं। और इसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आज का दिन कई कारण से खास है, क्योंकि रोबोटिक सर्जरी की दुनिया में एक इंडियन रोबोट को लांच किया गया है, और यह मेक इन इंडिया के परिकल्पना का बढ़ावा देता है। इसलिये यह आवश्यक है कि हर भारतीय तक किफायती स्वास्थ्य सुविधा पहुंच सके।

भारतीय पूर्व स्पोर्ट्स शूटर, पद्म भूषण सम्मानित और उद्योगपति अभिनव बिंद्रा ने कहा कि, “हेल्थकेयर के प्रति अपोलो का नजरिया अपने आप में प्रेरणादायक है, जो भविष्य की जरूरतों को देखते हुए लगातार अत्याधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, “रोबोटिक तकनीक सर्जरी में वह सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है, जिसकी हर मरीज को जरूरत होती है।

एथलीट का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण है-अभिनव बिंद्रा,भारतीय पूर्व स्पोर्ट्स शूटर, पद्म भूषण सम्मानित और उद्योगपति

अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल को बधाई देते हुए अभिनव  बिन्द्रा ने कहा कि अपोलो स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सिर्फ तकनीकी प्रगति नहीं है, यह मौलिक बदलाव है कि आने वाले वर्षों में रिकवरी और प्रदर्शन को कैसे पुनर्परिभाषित किया जाएगा। इस क्षण का हिस्सा बनना सम्मान की बात है। वहीं इस अवसर पर एथलीट्स के मेंटल हेल्थ से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एथलीट का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हमें रोजाना दबाव का सामना करना पड़ता है। सफलता, सफलता से जूझने के साथ प्रदर्शन का दवाब भी होता है। बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे से ग्रस्त है। हर कोई मानसिक रूप से मजबूत होने की उम्मीद करता है, लेकिन मुझे लगता है कि एथलीट होने से पहले हम कभी-कभी क्या भूल जाते हैं कि हम इंसान हैं। एथलीट से पहले इंसान के रूप में देखभाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी एथलीट भी इसका ख्याल करना भूल जाते हैं, और शायद मेडिकल बिरादरी में भी ऐसा ही है। इसलिए मुझे लगता है कि चाहे खेल हो, कोई भी क्षेत्र हो, चिकित्सा हो, मीडिया हो, या मानव प्रदर्शन का केंद्र बिंदु हो, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपको अपने सबसे अच्छे समय का सदुपयोग करने में मदद करता है। और यह आपको लंबे समय तक सफल बने रहने में मदद करता है।

जहां तक मानसिक स्वास्थ्य की बात है तो कोविड के समय से इस पर चर्चा होने लगी है, जो एक अच्छी बात है, और यह खेल के क्षेत्र में भी काफी सकारात्मक है।